सोमवार, 3 जून 2024

सत्यम के होंठ पर था ट्यूमर कई डाक्टरों ने दे दिया जवाब लेकिन पीजीआई ने की सर्जरी

 






पीजीआई में पहली बार हारमोनिक स्केलपल से हुई वेस्कुलर ट्यूमर की सर्जरी


 सामान्य सर्जरी में अधिक रक्तप्रावाह की आशंका 


सत्यम के होंठ पर था ट्यूमर कई डाक्टरों ने दे दिया जवाब 


 


संजय गांधी पीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने पहली बार हारमोनिक स्केलपल से रक्त वाहिका के ट्यूमर( वैस्कुलर ट्यूमर) के सर्जरी में सफलता हासिल की है। जौनपुर जिले के एक वर्षीय सत्यम के ऊपरी होंठ पर रक्त वाहिका में 2.5 गुणा 1.5 सेमी का ट्यूमर था। परिजनों को डॉक्टर ने पीजीआई रिफर कर दिया क्योंकि यह जटिल सर्जरी होती है। संस्थान के प्लास्टिक सर्जन एवं विभाग के प्रमुख प्रो. राजीव अग्रवाल के पास यह केस आया। परीक्षण के बाद पाया कि ट्यूमर रक्त वाहिका में हैं। साधारण स्केलपल से सर्जरी करने पर रक्त वाहिका में रक्त का अधिक प्रवाह होने के कारण रक्त का फव्वारा निकलेगा। अधिक रक्तस्राव होने के कारण बच्चे के जीवन पर खतरा। रक्त मुंह के अंदर जाने पर फेफड़ों , ट्रेकिया पर कुप्रभाव की आशंका थी। इस तरह के ट्यूमर के सर्जरी के लिए विशेष प्लानिंग की जरूरत थी। प्रो. राजीव ने तय किया कि लिवर की सर्जरी में काम आने वाले हारमोनिक स्केलपल का इस्तेमाल किया जाए। यह स्केलपल में अल्ट्रासोनिक एनर्जी निकलती है जो ट्यूमर को हटाने के साथ ही कोशिकाओं के जमा देती है जिससे रक्त प्रवाह नहीं होता है। आज हुई सर्जरी के बारे में प्रो. राजीव ने बताया कि ट्यूमर एक सिटिंग में धीरे-धीरे कट किया । थोड़ा -थोड़ा ट्यूमर कट करते हैं। तुरंत कोशिकाएं जम जाती है इससे रक्त प्रवाह नहीं होता है। इसी क्रम तब तक ट्यूमर कट करते है जब तक कि पूरा ट्यूमर नहीं निकल जाता है। सत्यम में सर्जरी सफल रही है। अब बिल्कुल फिट है। सर्जरी में एनेस्थीसिया प्रो. पुनीत गोयल और प्रो. आरती अग्रवाल की अहम भूमिका रही। प्रो. राजीव ने बताया कि बाहर इस तरह की सर्जरी नहीं करते है क्योंकि सर्जरी के दौरान रक्तस्राव की आशंका रहती है। हारमोनिक स्केलपल से प्रदेश की यह पहली सर्जरी वैस्कुलर ट्यूमर की है