शुक्रवार, 21 मार्च 2014

जीभ खोलती है आपकी सफाई की पोल!

फेमस अमेरिकी सिंगर ऐंड ऐक्ट्रेस केर को मशहूर युवा पॉप गायिका माइली सायरस से प्रस्तुति देते वक्त अपनी जीभ बाहर निकालने से मना किए अभी बहुत दिन नहीं बीते हैं, कि विशेषज्ञों ने जीभ को लेकर बहुत ही दिलचस्प तथ्य का खुलासा किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, जीभ को देखकर किसी व्यक्ति की स्वच्छता के प्रति उसके रुख एवं उस व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में जाना जा सकता है। आप अपने किसी ऐसे मित्र या किसी ऐसी लोकप्रिय हस्ती के बारे में सोचिए जो अक्सर अपनी जीभ बाहर निकालता रहता है। अगर उसकी जीभ पर मोटी सफेद पर्त दिखाई दे निश्चित ही यह उसके लिए बहुत बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है।

  दांतों में ब्रश करना जितना महत्वपूर्ण है, जीभ को स्वच्छ रखना भी उतना ही जरूरी है। जीभ साफ करने से पहले टंग क्लीनर को साफ कर लेना चाहिए। टंग क्लीनर से जीभ पर बहुत दबाव नहीं डालना चाहिए, और 2-3 बार हल्के हाथों से जीभ की सफाई करनी चाहिए। अपने मुंह में हानिकारक जीवाणुओं को पनपने से रोकने के लिए जीभी (टंग क्लीनर) का प्रयोग अवश्य करें।

वेबसाइट पैरेंट्यून डॉट कॉम ने मुंह से संबंधित बीमारियों की विशेषज्ञ सोनाली बस्सी के हवाले से कहा कि गाढ़े रंगों वाले खाद्य पदार्थ खाने से भी जीभ का रंग परिवर्तित हो जाता है। हल्दी, काले अंगूर, जामुन या इसी तरह के गहरे रंग वाले खाद्य पदार्थ खाने से आपकी जीभ का रंग बदल सकता है। लेकिन यह इतना हानिकारक नहीं होता, तथा टंग क्लीनर की सहायता से आसानी से साफ किया जा सकता है। धातु या प्लास्टिक से बने टंग क्लीनर का उपयोग किया जा सकता है। कई कंपनियां इस तरह का ब्रश भी बनाती हैं जिसके पिछले हिस्से का उपयोग जीभ को साफ करने के लिए किया जा सकता है।
दंत चिकित्सक अयान मजूमदार ने बताया कि जीभ साफ करने के लिए ब्रश के पिछले हिस्से का उपयोग सुरक्षित है, लेकिन ब्रश वाले हिस्से से ऐसा करना हानिकारक हो सकता है। अध्ययनों में यह साबित हो चुका है कि सामान्य ब्रश की अपेक्षा जीभ साफ करने की सुविधा से युक्त ब्रश कहीं प्रभावी होते हैं। मजूमदार ने हालांकि धातु की अपेक्षा प्लास्टिक की जीभी को अधिक सुरक्षित बताया, क्योंकि जंग लगने के कारण धातु का टंग क्लीनर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

जीभ को स्वच्छ रखने का दूसरा सबसे बेहतर उपाय है माउथवॉश का उपयोग करना। मजूमदार ने बताया कि सांसों की दुर्गंध का सबसे बड़ा कारण जीभ पर बैठी गंदगी ही होती है। हमारे पास कम से कम 70 फीसदी लोग इसी तरह की शिकायतें लेकर आते हैं। अपनी सांसों को तरोताजा बनाए रखने के लिए दिन में कम से कम एक बार माउथवॉश का उपयोग करें।

मुंह को नमक के पानी से धोकर भी स्वच्छ रखा जा सकता है। बस्सी ने बताया कि आधे ग्लास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक डालें। इस पानी से अपने मुंह को दिन में 5-6 बार धोएं। जीभ पर खाने के बाद जमा गंदगी कई तरह के रोगों को जन्म दे सकती है। एकता सिंह ने बताया कि कई बार जीभ के गंदे होने के कारण डिहाइड्रेशन की शिकायत भी हो सकती है। इसलिए घर से निकलते हुए इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि चेहरे और दांतों के साथ-साथ आपकी जीभ का भी स्वच्छ रहना बेहद जरूरी है। 
 
 


drink two liter water and save kidney


kidney save


शहद ठीक करेगा सीनें मे जलन


मोटापा एवं अनेक रोगों से मुक्त होने का अचूक उपाय


मोटापा एवं अनेक रोगों से मुक्त होने का अचूक उपाय

मेथी दाना -250 ग्राम ,
अजवाइन-100 ग्राम ,
काली जीरी-50 ग्राम ।

उपरोक्त तीनो चीज़ों को साफ़ करके हल्का सा सेंक लें ,फिर तीनों को मिलाकर मिक्सर मेंइसका पॉवडरबना लें और कांच की किसी शीशी में भर कर रख लें । रात को सोते समय 1/2 चम्मच पॉवडर एक गिलास कुनकुने पानी के साथ नित्य लें ,इसके बाद कुछ भी खाना यापीना नहीं है ।इसे सभी उम्र के लोग ले सकते हैं

फायदा पूर्ण रूप से 80-90 दिन में हो जायेगा ।

लाभ :-
इस चूर्ण को नित्य लेने से शरीर के कोने -कोने में जमा पड़ी सभी गंदगी (कचरा )मल और पेशाब द्वारा निकलजाता है ,
फ़ालतू चर्बी गल जाती है ,
चमड़ी की झुर्रियां अपने आप दूर हो जाती है ,
और शरीर तेजस्वी और फुर्तीला होजाता है ।

अन्य लाभ इस प्रकार हैं ----------

1. गठिया जैसा ज़िद्दी रोग दूर हो जाताहै ।

2. शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति को बढ़ाता है ।

3. पुरानी कब्ज़ से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है ।

4. रक्त -संचार शरीर में ठीक से होने लगता है ,शरीर की रक्त -नलिकाएं शुद्ध हो जाती हैं ,रक्त में सफाई और शुद्धता की वृद्धि होती है ।

5. ह्रदय की कार्य क्षमता में वृद्धिहोती है ,कोलेस्ट्रोलकम होता है ,जिस से हार्ट अटैक का खतरा नहीं रहता |

6. हड्डियां मजबूत होती हैं ,कार्य करने की शक्तिबढ़ती हैं ,स्मरण शक्ति में भी वृद्धि होतीहै ।थकान नहीं होती है ।

7. आँखों का तेज़ बढ़ता है ,बहरापन दूर होता है ,बालों का भी विकास होता है,दांत मजबूत होते हैं ।

8. भूतकाल में सेवन की गयी एलोपैथिकदवाओं के साइड -इफेक्ट्स से मुक्ति मिलतीहै ।

9. खाना भारी मात्रा में या ज्यादाखाने के बाद भी पच जाता है (इसका मतलब येनहीं है कि आप जानबूझ कर ज्यादा खा ले) ।

10. स्त्रियों का शरीर शादी के बादबेडौल नहीं होता ,शेप में रहता है ,,शादी के बाद होने वालीतकलीफें दूर होती हैं ।

11. चमड़ी के रंग में निखार आता है ,चमड़ी सूख जाना ,झुर्रियां पड़ना आदि चमड़ी के रोगों से शरीर मुक्त रहता है ।

12. शरीर पानी ,हवा ,धूपऔर तापमान द्वारा होने वाले रोगों से मुक्त रहता है

13. डाइबिटीज़ काबू में रहती है ,चाहें तोइसकी दवा ज़ारी रख सकते हैं।

14. कफ से मुक्ति मिलती है ,नपुंसकता दूर होती है,,व्यक्ति का तेज़ इस से बढ़ता है ,जल्दी बुढ़ापा नहीं आता ,। उम्र बढ़ जाती है |

15. कोई भी व्यक्ति ,किसी भी उम्र का हो ,इस चूर्ण का सेवन कर सकता
है,मात्रा का ध्यान रखें ।